શુક્રવાર, 5 ફેબ્રુઆરી, 2016

[2/4, 7:38 AM] Kuldeep 2: द्वौ अम्भसि निवेष्टव्यौ गले बद्ध्वा दॄढां शिलाम् ।
धनवन्तम् अदातारम् दरिद्रं च अतपस्विनम् ॥

जो धनवान होकर भी दान नहीं करता और जो दरिद होकर भी मेहनत नहीं करता इन दोनों को गले में बडा सा पथ्थर बांध कर  पानी में डूबा देना चाहिए ।

There are two types of people who should be pushed in deep water with heavy stones tied to their body! One who does not donate in-spite of being rich and the other who does not work hard in-spite of being poor !!

- महाभारत
[2/5, 8:52 PM] Kuldeep 2: वेदो में स्त्री के लिए कुछ प्रशंसित शब्द निम्न हैं
जो
"नारी नरकस्य द्वारं"
का खण्डन करते हैं
.
अरण्यानी (ऋग्वेद १०/१४६/१) = संन्यास आश्रम को प्राप्त
उरुधारा (यजुर्वेद ८/४२) = ज्ञान एवं सुशिक्षा को धारण करने वाली
प्रतारणी (अथर्ववेद १४/२/२६) = जीवन की पतवार
प्रतीची (अथर्ववेद ७/४६/३) = निश्चित ज्ञान वाली
मही (यजुर्वेद ८/४३) = अतिपूजनीय
सुभद्रिका (यजुर्वेद २३/१८)=उत्तम कल्याण वाली
शिवा (अथर्ववेद १९/४०/३) = कल्याणकारिणी
सुमंगली (अथर्ववेद १४/२/२६) = मंगल आचरण करने वाली
सुशेवा (अथर्ववेद १४/२/२६) = कल्याणप्रदा
स्तोमपृष्ठ (यजुर्वेद १५/३) = स्वाध्याय-शीला

ટિપ્પણીઓ નથી:

ટિપ્પણી પોસ્ટ કરો